Skip to main content

पोंजी पिरामिड स्कीम | ponzi pyramid scheme in Hindi

पोंजी पिरामिड स्कीम 

पोंजी पिरामिड स्कीम एक अवैध व्यापार मॉडल होता है जहाँ लोगों को उनके पैसों की निवेश के लिए बुलाया जाता है। इसमें नए सदस्यों से पैसे लेने के लिए बड़े स्तर पर जोखिम उठाया जाता है। इस तरह की योजनाओं में, पहले सदस्यों को अधिक लाभ का वादा किया जाता है जब वे नए सदस्यों को आमंत्रित करते हैं और उन्हें अपने निवेश के लिए उनसे पैसे लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस तरह सदस्यों की संख्या बढ़ती जाती है और इससे उनकी कमाई भी बढ़ती जाती है।

यहाँ उदाहरण के तौर पर, एक व्यक्ति ने एक पोंजी स्कीम में रुपये 100,000 लगाए। उसे वादा किया जाता है कि वह उस निवेश को दोगुना कर देगा, यदि वह 10 लोगों को भी आमंत्रित करता है और वे भी रुपये 100,000 लगाते हैं, तो उसकी आय लगभग रुपये 20 लाख हो जाएगी। इस तरह से, यह व्यक्ति और नए सदस्यों को बुलाकर बड़ी राशि कमाएगा।

एक बार जब नए सदस्यों की एंट्री रोक दी जाती है, तो पैसे जमा करवाने वाले सदस्यों को पहले लाइन में होने का भी फायदा मिलता है। इस तरह से, उन्हें बड़ी मात्रा में पैसे मिलते हैं, जबकि नए सदस्यों के साथ धोखा किया जाता है जो पहले सदस्यों को वास्तविक धन प्रदान नहीं कर सकते हैं। यह अनिच्छित श्रृंखला जारी रहती है, और उत्पाद की बिक्री या सेवाओं की पेशकश में असफल होने पर, सदस्यों को कोई रिटर्न नहीं मिलता है।

यदि आपको किसी संगठन या उत्पाद के बारे में संदेह हो तो आप उस संगठन या उत्पाद के वेबसाइट के जाँच कर सकते हैं, या विभिन्न संदर्भ पुस्तिकाओं या इंटरनेट स्रोतों से अधिक जानकारी ले सकते हैं।


डायरेक्ट सेलिंग और पोंजी पिरामिड स्कीम के बीच अंतर

डायरेक्ट सेलिंग और पोंजी पिरामिड स्कीम दोनों बिज़नेस मॉडल हैं, जिनमें लोगों को उत्पाद या सेवाऐं बेचना होता है। हालांकि, इन दोनों के बीच मुख्य अंतर है।

डायरेक्ट सेलिंग बिज़नेस मॉडल में, एक ब्रांड द्वारा बनाए गए उत्पादों और सेवाओं को सीधे अंत उपभोक्ताओं तक बेचा जाता है। यह विधि नेटवर्क मार्केटिंग के तहत काम करती है, जहाँ बेचने वाले व्यापारी उत्पादों को अंत उपभोक्ताओं के बीच सीधे बेचते हैं और अपना कमीशन कमाते हैं। यह मॉडल लोगों को सीधे प्रोडक्ट बेचने का मौका देता है जिससे वे अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं।

पोंजी पिरामिड स्कीम बिज़नेस मॉडल भी नेटवर्क मार्केटिंग पर आधारित होता है, लेकिन यह एक अवैध बिज़नेस मॉडल है। इसमें लोगों को बुलाकर उनसे पैसे लेने की बात कही जाती है जिसका नाम "पोंजी" होता है। पैसों की राशि जमा की जाती है और समय-समय पर उन्हें लाभ भी दिया जाता है। इस प्रकार, जो लोग पहले मेहमान बनते हैं, वे पैसे कमाना शुरू करते हैं। यह अवैध होता है क्योंकि यह संरचना एक पोंजी पिरामिड के जैसा होता है, जहाँ शीर्ष पर लोग सबसे अधिक लाभ उठाते हैं और निचले स्तरों पर लोग लॉस होते हैं। 

इसलिए, डायरेक्ट सेलिंग वैध एवं ईमानदार बिज़नेस मॉडल है जो लोगों को प्रोडक्ट बेचने और कमाई करने का मौका देता है, जबकि पोंजी पिरामिड स्कीम एक अवैध बिज़नेस मॉडल है जो लोगों के पैसे लूटने का काम करता है।
पोंजी पिरामिड योजनाएं भारत में अवैध होती हैं और भारत सरकार इस प्रकार की योजनाओं के खिलाफ कड़ाई से लड़ाई लड़ रही है। सरकार ने तमाम बैंक, संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों को इस तरह के योजनाओं से दूर रहने की चेतावनी दी है ताकि लोग धोखाधड़ी से बच सकें।

पोंजी पिरामिड योजनाओं पर भारत सरकार की नीति 

भारतीय निधि विनियामक निगम ने अवैध धन जमा करने वाली कंपनीओं की सूची जारी की है जो लोगों को फायदे की भावना से प्रेरित कर ऐसी योजनाओं की पेशकश करती हैं। इस सूची में कंपनियों के साथ करोड़ों रुपये जमा हो गए हैं। निगम द्वारा इस सूची की समीक्षा सबकी सुरक्षा के लिए की जाती है।

सरकार ने इस तरह की योजनाओं के खिलाफ सख्ती बनाए रखने के लिए संबंधित अधिनियम जैसे निवेश बोध कानून, कंपनी अधिनियम आदि में संशोधन करने का फैसला लिया है। सरकार ने लोगों के सुरक्षित निवेश की सुनिश्चितता के लिए निवेश विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए कई सवालों के जवाब भी दिए हैं।

पोंजी पायरेमिड स्कीम से बचने के लिए कुछ सुझाव

* अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए एक सम्मानित निवेश विकल्प चुनें।
* अपनी निवेश से संबंध विचार करने से पहले अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें।किसी भी  निवेश के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें और उसे समझें।
* किसी भी निवेश से पहले आपकी वित्तीय स्थिति और निवेश करने की योग्यता का अधिकृत मूल्यांकन करें।
* ध्यान रखें कि अधिकतर पोंजी पायरेमिड स्कीम नियंत्रणरहित होती हैं, इसलिए अपनी निवेश के लिए सम्मानित निवेश से संपर्क करें।
* सुनिश्चित करें कि आप निवेश करने से पहले संबंधित निवेश विकल्पों के बारे में रिसर्च करते हैं।


यदि आपने पहले से ही किसी पोंजी पायरेमिड स्कीम में निवेश किया है, तो अपनी जानकारी को लेकर जाँच करें और संभवतः अपने पैसे को बचाने के लिए कुछ कार्रवाई करें। अपने निवेश के संबंध में अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें अपने वित्तीय सलाहकार या आरएसओ से।


इसलिए, भारत सरकार की नीति अवैध पोंजी पिरामिड योजनाओं की विरोधी होती है और सरकार ने लोगों को संज्ञान में रखते हुए उन्हें बचाने और संरक्षित करने के लिए उपयोगी नीतियों को लागू करने का फैसला लिया है।

कुछ प्रश्न (FAQs) जो आपके मन में हो सकते हैं

1 . पोंजी पिरामिड क्या होती है? 
    
     उत्तर: पोंजी पिरामिड एक अवैध वित्तीय योजना होती है जिसमें लोगों को भरोसा दिलाया जाता है कि उन्हें उच्च रिटर्न मिलेगा, लेकिन वास्तविकता यह होती है कि पैसा केवल नए सदस्यों के शामिल होने से ही आता है।


2 . पोंजी पिरामिड का उद्देश्य क्या होता है? 
     
     उत्तर: पोंजी पिरामिड का उद्देश्य होता है नए सदस्यों को जोड़ना और उनके द्वारा जमा किए गए धन का पूर्ववत उपयोग करके पुराने सदस्यों को धन का भुगतान करना।


3 . पोंजी पिरामिड कैसे काम करती है? 
    
     उत्तर: पोंजी पिरामिड कारोबार योजना में पहले सदस्यों को जमा राशि देनी होती है। उन्हें उच्च रिटर्न के लिए प्रतिबद्ध किया जाता है जो वास्तविक नहीं होता है। उनके द्वारा जमा किए गए पैसे का उपयोग पुराने सदस्यों को भुगतान करने के लिए किया जाता है।





Comments

Popular posts from this blog

नेटवर्क मार्केटिंग के सभी सवालों का जवाब कैसे देना है | Objection Handling in Network Marketing in Hindi

 अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग में सफल होना चाहते हैं तो आपको ऑब्जेक्शन हैंडलिंग के बारे में पता होना चाहिए।  और अगर आप इसे जल्दी सीखना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके  लिए है। आज इस लेख में मैं आपको उन  ऑब्जेक्शन  के बारे में बताऊंगा जो आप हमेशा अपने प्रोस्पेक्ट से सुनते हैं।  इस लेख में मैं आपको यह भी बताऊंगा कि उन ऑब्जेक्शन का हैंडलिंग कैसे करें। नेटवर्क मार्केटिंग में लोगों के  ऑब्जेक्शन दो तरह के होते हैं 1.  वास्तविक ( रियल ) ऑब्जेक्शन - प्रोस्पेक्ट काम तो करना चाहता है मगर उसके दिमाग में कई सवाल होते हैं। मन में उठ रहे सवाल उन्हें कोई फैसला नहीं लेने देते । यह वास्तविक (रियल ) ऑब्जेक्शन है ।       इसका उदाहरण है     1.  मैं प्रोडक्ट नहीं बेच सकता ।     2.  मेरे पास समय नहीं है।     3.  प्रोडक्ट महंगा है । 2. फर्जी ( फेक ) ऑब्जेक्शन - जो मेहमान सीधे आपको ना नहीं कह सकते, वे आपसे ऐसे सवाल पूछेंगे जिनका ज्यादातर नकारात्मक जवाब है . इसे फर्जी ऑब्जेक्शन कह...

उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 | Consumer Protection (direct selling) Rules, 2021 in Hindi

  उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नए नियम हैं जो डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों और उनके वितरकों के लिए लागू होते हैं। यह नियम 15 सितंबर 2021 से प्रभावी हुआ। यह नियम उपभोक्ताओं की संरक्षा और संरक्षण के लिए बनाया गया है जो डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों या सेवाओं को खरीदते हैं। नियमों में उपभोक्ताओं के लिए निम्नलिखित प्रावधान हैं:   1. उपभोक्ताओं को डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों या सेवाओं के बारे में सही जानकारी देनी चाहिए।   2. उपभोक्ताओं को उनकी आवश्यकताओं और जरूरतों के अनुसार उत्पादों या सेवाओं की सलाह दी जानी चाहिए।   3. उपभोक्ताओं को उत्पादों या सेवाओं की मूल्य सूची और उत्पादों की गुणवत्ता के बारे में सही जानकारी देनी चाहिए।   4. उपभोक्ताओं को उत्पादों या सेवाओं को खरीदने से पहले अवधि और वापस   5. उपभोक्ताओं को उत्पादों या सेवाओं के गुणवत्ता या उपयोग में किसी भी बदलाव ...

डायरेक्ट सेलिंग का भविष्य क्या है? | Future of Direct Selling in Hindi

डायरेक्ट सेलिंग भारत में बढ़ती उद्योग व्यवसाय में से एक है। यह उद्योग व्यवसाय कुछ वर्षों में तेजी से विकसित हो रहा है और इसके भविष्य में भी बड़ी संभावनाएं हैं। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के द्वारा सामान और सेवाओं को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का काम किया जाता है। इस व्यवसाय में कंपनियां अपने विक्रेताओं को विभिन्न उत्पादों और सेवाओं का प्रचार करने के लिए उनके घरों तक भेजती हैं। इस प्रकार, विक्रेता सीधे ग्राहकों से संपर्क करते हैं और उनकी जरूरतों और आवश्यकताओं को समझते हुए उत्पादों और सेवाओं की बेहतर सेवा प्रदान करते हैं। डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के पास अधिक से अधिक ग्राहकों की बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने की क्षमता होती है। इसलिए, यह उद्योग व्यवसाय न केवल बढ़ते हुए है बल्कि इसका भविष्य भी बहुत उज्जवल है। वर्तमान समय में भारत में कुछ डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां हैं जो अपने उत्पादों और सेवाओं को सीधे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं, जैसे कि अमवे, हर्बलाइफ, ओरिफ्लेम, आदि। इन कंपनियों ने भारत में अपने विक्रेता नेटवर्क को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं आयोजित की ह...